सिर्फ 2 घंटे खेत मे काम और कमाई ₹ 20000

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धनिया

धनिया एक बहुमूल्य बहुउपयोगी मसाले वाली आर्थिक दृष्टि से भी लाभकारी फसल है। धनिया के बीज एवं पत्तियां भोजन को सुगंधित एवं स्वादिष्ट बनाने के काम आते हैं।  सामान्यतः इसका उपयोग सब्ज़ी की सजावट और ताज़े मसाले के रूप में किया जाता है। मारवाडी भाषा में इसे धोणा कहा जाता है। इसके बीज को सुखाकर सूखे मसाले की तरह प्रयोग किया जाता है।

धनिया की खेती

अमित पटेल जिनकि उम्र 28 वर्ष है वह उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से 26 किलोमीटर दूर मालवा ब्लॉक में रहते हैं वह 13 वर्षो  से  हरे धनिए की खेती करते हैं, वह 15 से ₹20000 आसानी से कमा रहे हैं वह भी सिर्फ 2 घंटे खेत में  मेहनत करके, बताते है कि  वह सालाना डेढ़ बीघा खेत में धनिया की खेती कर दो लाख रुपए कमा लेते हैं।

अमित कुमार बताते हैं कि उनके यहां बंदर बहुत हैं जो कि किसी सब्जी वगैरह की फसल को नष्ट कर देते हैं इसलिए उन्होंने धनिया लगाने के बारे में सोचा और धनिए लगाना शुरू की जिससे कि उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है।

पटेल जी ने हमें यह बताते हुए कहां की वह एक बीघा  में 40 क्यारी बनाते हैं इसके बाद बुआई कर देते हैं। ऐसे में 40 दिन में धनिया बेचने के लिए तैयार हो जाती है और फिर बाजार से हर दिन भाव के हिसाब से 800 से लेकर 2000 रूपए तक कमा लेता हूं वहीं बाराबंकी में बेलहरा गांव के किसान राजकुमार आयु  (45वर्ष) बताते हैं धनिया की फसल के लिए दोमट मिट्टी अच्छी  रहती है। धनिया की फसल में इस बात का ध्यान रखना है कि खेत में पानी न रुकता हो। जबसे हरी धनिया की खेती की है।

बुवाई और देखरेख का तरीका

एक बीघे में 10 किलो धनिया का बीज लगता है धनिया 12 महीने चलने वाली सब्जी है इसलिए किसी भी महीने इसकी बुवाई कर सकते हैं। बुवाई के 10 दिन पहला पानी और जैविक खाद डालते है, दूसरा पानी 15-20 दिन के आस-पास लगाते हैं। जब गर्मी ज्यादा पड़ती है तो हफ्ते में दो बार पानी लगाना पड़ता हैं। दूसरे पानी के दौरान ही 35-40 किलो डीएपी डालते हैं। अगर तापमान  कम है तो 25 दिन के अन्दर 250-300 ग्राम यूरिया का स्प्रे कर देते हैं। एक टंकी में 16 लीटर पानी में 100 ग्राम यूरिया डालते हैं वभर में तीन टंकी का छिड़काव करते हैं।

इस बारे में किसान अमित कुमार बताते हैं कि जिस दिन भी धनिया बोयें उसके 40वें दिन वो तैयार मिलेगी। इसके बाद फिर उसी क्यारी में धनिया बो दें। धनिया बोते समयांतराल का विशेष ध्यान रखें।

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